कहा जा रहा है कि कांग्रेस अभी अपने इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रही है और इसी मुश्किल से निकालने के लिए राहुल ने सात सितंबर 2022 से कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की है.
राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ नौ राज्यों से होते हुए दिल्ली पहुँची.
इसी यात्रा के क्रम में राहुल ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि दी थी. राहुल ने वाजपेयी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की समाधि पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की थी.
राहुल गांधी ने 2004 में उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत मिली थी. अमेठी से ही राहुल के पिता राजीव गांधी चुनाव लड़ते थे
राहुल गांधी जब संसद पहुँचे तब अटल बिहारी वाजपेयी सांसद रहते हुए भी ख़राब सेहत के कारण संसद नहीं आ पाते थे.
आडवाणी नेता प्रतिपक्ष बन गए थे और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री. राहुल ने सांसद रहते हुए संसद में कभी वाजपेयी को मोर्चा संभालते नहीं देखा.
रशीद किदवई कहते हैं, ”राहुल ने उस वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी है, जो नेहरू, इंदिरा और राजीव की तारीफ़ करते थे. दूसरी तरफ़ इमरजेंसी में वाजपेयी जेल भी गए थे. राहुल गांधी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देकर शायद यह भी बताना चाह रहे हैं कि बीजेपी को वाजपेयी ने जो दिशा दी थी वह ठीक थी और मोदी बीजेपी को ग़लत दिशा में ले जा रहे हैं.
यह बात भी सही है कि सोनिया गांधी वाजपेयी को सांप्रदायिक राजनीति के मामले में घेरती रही हैं. राहुल गांधी के वाजपेयी की समाधि पर जाने से एक संदेश यह भी गया है कि उन्हें वाजपेयी की बीजेपी स्वीकार्य है, लेकिन मोदी की बीजेपी नहीं.”